मैं मानता हूं की तुम को अभी वक़्त नहीं जानम
अपने ही ख्यालों में हो तुम्हे फुर्सत नहीं जानम...||
मेरी ख्वाईश है बस इतनी, तुम इधर देख लो जानम
आंखें चार हो ना, हो ना पर एक नज़र देख लो जानम..||
कौन कहता है कि, तुम हमसे बात करो जानम
बात करो या ना करो हमसे, पर एक बार देख तो लो जानम ..||
बात करो या ना करो हमसे, पर एक बार देख तो लो जानम ..||
गिरफ्तार हूं मोहब्बत में तेरी, बीमार हूं तेरा जानम
तसल्ली के लिए मेरी एक बार, हाल मेरा तुम पूछ लो जानम..||
घर मेरा उजड़ा हुआ है, उसे आबाद करो या ना करो जानम
घर मेरा उजड़ा हुआ है, उसे आबाद करो या ना करो जानम
पर मैंने इस घर को तेरी यादों, तेरे ख्वाबों से सजाया है जानम ....||
हर तफ़र घर की दरो-दीवार पर निशानी तुम अपनी पाओगे जानम
हर तफ़र घर की दरो-दीवार पर निशानी तुम अपनी पाओगे जानम
पर एक बार आकर तुम मेरा, उजड़ा हुआ घर देख लो जानम...||
जैसा भी हूं, बीमार हूं, आशिक हूं, में दीवाना हूं तेरा जानम
जैसा भी हूं, बीमार हूं, आशिक हूं, में दीवाना हूं तेरा जानम
ये सोचना अब तुम को है, कब मेरा होना है तुम को जानम....||
ये सोचना अब तुम को है, कब मेरा होना है तुम को जानम.....
ये सोचना अब तुम को है, कब मेरा होना है तुम को जानम.....
ये सोचना अब तुम को है, ..............
कब मेरा होना है..............
कब मेरा होना है...........
कब मेरा होना है..............तुम को जानम.....
.........अशोक अरोरा..........